वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि अंटार्कटिक पर ओजोन में हुए छिद्र का आकार उत्तरी अमेरिका जितना बड़ा हो गया है। उन्होंने कहा कि दक्षिणी ध्रुव पर हुए इस ओजोन छिद्र का आकार 2.5 करोड़ वर्ग किलोमीटर हो गया। 14 सितंबर को इसका वार्षिक क्षेत्रफल सबसे अधिक दर्ज किया गया। सालाना आकार के मुताबिक यह रिकॉर्ड में पांचवा सबसे बड़ा छिद्र बन गया है। लाइव साइंस की रिपोर्ट के अनुसार, नासा के अर्थ-ऑब्जर्विग ऑरा सेटेलाइट द्वारा ली गई माप के अनुसार 2006 में अंटार्कटिक पर ओजोन में सबसे बड़ा छिद्र हुआ था। इसका आकार 2.75 करोड़ वर्ग किमी था। अंटार्कटिक पर ओजोन छिद्र का पता पहली बार 1970 के दशक में लगा था। इसे नेशनल ओसिएनिक एंड एटमोस्फियरिक एडमिनिस्ट्रेशन (नोआ) द्वारा ओजोन मापने के लिए संचालित अंतरिक्ष यान ने मापा था। यह छिद्र 1980 और 90 की दशक में लगातार बढ़ता रहा। सिर्फ 21वीं सदी के आरंभ में इसके आकार में थोड़ी स्थिरता नजर आई। विज्ञान पत्रिका नेचर में वैज्ञानिकों की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल सर्दियों में आर्कटिक क्षेत्र में कड़ाके की ठंड ने ओजोन को नष्ट करने वाले रसायनों को सक्रिय कर दिया। इससे छिद्र बड़ा होने लगा। धरती की सतह पर ओजोन एक प्रदूषक है। मगर समताप मंडल में यह सूर्य से आने वाली खतरनाक पराबैगनी किरणों से बचाव के लिए सुरक्षा कवच का निर्माण करती है। यह पराबैगनी किरणों को वापस अंतरिक्ष में परावर्तित कर देती है। ओजोन को नुकसान पहुंचाने वाले रसायनों जैसे क्लोरोफ्लोरो कार्बन पर अंतरराष्ट्रीय रोक के बाद ओजोन को नुकसान पहुंचना काफी कम हो गया है। इसके बावजूद ये रसायन अभी भी समताप मंडल में मौजूद हैं।
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