केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर में स्थित प्रख्यात माता वैष्णो देवी के आसपास के पहाड़ों में मैग्नेसाइट के खनन की अनुमति दी है। इसके लिए जम्मू-कश्मीर मिनरल्स डेवलपमेंट कारपोरेशन का प्रस्ताव लंबे समय से विचाराधीन था। जिन पहाड़ों और आसपास खनन की कुछ शर्तो के साथ अनुमति दी गई है, वह पूरा क्षेत्र वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के अधीन है। नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्डलाइफ की स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री जयंती नटराजन ने यहीं पर मैगनेशिया संयंत्र स्थापित करने की भी मंजूरी दे दी है। यहां के पहाड़ों व आसपास के इलाकों से मैग्नेसाइट का खनन किया जाएगा। जबकि इसके पास ही कई लुप्तप्राय वन्यजीवों वाला अभ्यारण्य स्थित है। माना जा रहा है कि सरकार के इस कदम से वन्य जीवों के लिए खतरा पैदा हो सकता है। जम्मू-कश्मीर सरकार के प्रस्ताव में इस क्षेत्र के चिपरन पहाड़ों से सालाना 12.40 लाख टन हाईग्रेड मैग्नेसाइट का खनन करना और 30 हजार टन की उत्पादन क्षमता वाला मैग्नेसाइट संयंत्र स्थापित करना शामिल है। संयंत्र कटरा जिले के त्रिकुटा वन्य अभ्यारण्य के बहुत नजदीक है। गैर वन्य क्षेत्रों की निजी जमीनों पर वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड का अधिकार है। खनन के लिए 485.30 हेक्टेयर जमीन का पट्टा दिया गया है। इसमें से 17.92 हेक्टेयर जमीन से मैग्नेसाइट का खनन किया जाएगा। हालांकि त्रिकुटा वन्य अभ्यारण्य के पास के खनन के लिए कुछ शर्ते जरूर जोड़ी गई हैं। स्टैंडिंग कमेटी को राज्य के वन्यजीव अभ्यारण्य के मुख्य वार्डेन ने सूचित किया है कि राज्य सरकार ने कमेटी के सुझावों के मद्देनजर पूरे क्षेत्र की पहचान शुरू कर दी है। कमेटी ने अपनी मंजूरी के साथ जो शर्ते जोड़ी हैं, उनमें वन्यजीवों की सुरक्षा योजना, जल व भूमि संरक्षण के साथ आसपास की हरियाली को बनाए रखने, चारागाह की सुरक्षा, वन्य जीवों के शिकार को रोकने के लिए सुरक्षा का पुख्ता प्रबंध और लोगों में जागरूकता लाना प्रमुख है।
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