झारखंड के लातेहार,चतरा व डाल्टनगंज में हजारों पशुओं की मौत एंथ्रेक्स से हुई थी। प्रभावित गांवों में गई जांच टीम ने शासन को भेजी अपनी रिपोर्ट में ऐसी ही संभावना जाहिर की है। लातेहार, चतरा व डाल्टनगंज में हजारों पशुओं की एक साथ मौत होने पर पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान के निदेशक डा. कमलाकांत सिंह ने डा. शैलेंद्र कुमार तिवारी तथा डा. सुरेंद्र कुमार को प्रभावित इलाकों में जांच के लिए भेजा था। जांच दल ने चतरा के प्रतापपुर, लातेहार के बालूमाथ, चंदवा आदि गांवों का दौरा कर पशुपालकों व पशु चिकित्सकों से बात की तथा प्रभावित क्षेत्रों का मौका-मुआयना किया। इसके बाद निदेशक को भेजी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जानवरों में थरथराहट, छटपटाकर मर जाना, बीमारी से मृत्यु के बीच बहुत कम समय होना, प्राकृतिक छिद्रों से खून आना, पेट फूलना आदि एंथ्रेक्स के ही लक्षण हैं। सुखाड़ के बाद भारी वर्षा की स्थिति में पशुओं में एंथे्रक्स बीमारी की संभावना बढ़ जाती है। रिपोर्ट में लिखा गया है कि जीवित पशुओं से लिए गए नमूने की जांच में एंथ्रेक्स नहीं पाया गया। पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान के निदेशक ने रिपोर्ट पशुपालन एवं मत्स्य विभाग के सचिव अरुण कुमार सिंह को भेजते हुए कार्रवाई की मांग की है।
दैनिक जागरण (राष्ट्रीय संस्करण), 10 जुलाई, 2011
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