Friday, September 7, 2012

भाजपा ने गंगा अभियान में सभी दलों से सहयोग मांगा



ठ्ठ जागरण ब्यूरो,लखनऊ पतित पावन गंगा की धारा को निर्मल व निर्बाध बनाए रखने को लेकर भाजपा की फायर ब्रांड नेता उमा भारती के नेतृत्व में शुरू होने वाली गंगा समग्र अभियान की तैयारियों में जुटी भाजपा को अभियान के पूरी सफलता की उम्मीद है। अभियान पूरी तरह से सफल रहेगा। पार्टी ने देश व समाज हित से जुड़े इस अभियान को सफल बनाने को सभी दलों से सहयोग करने का आग्रह किया है। भाजपा प्रदेश मुख्यालय में गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शहनवाज हुसैन ने कहा, गंगा को निर्मलता को बनाए रखने को पार्टी पूरी तरह से वचनबद्ध है। गंगा समग्र अभियान की विधिवत शुरुआत 21 सितंबर को गंगासागर से होगी। बंगाल, झारखंड बिहार से होते हुए यह कारवां नौ अक्टूबर को यूपी में प्रवेश करेगा। करीब 14 दिन गंगा के किनारे बसे नगर, गांव व कस्बे में अभियान से जुड़े जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित होंगे। अभियान 22 अक्टूबर को गंगोत्री में संपन्न होगा। उन्होंने बताया कि अभियान को लेकर सभी राजनीतिक दलों का समर्थन मिल रहा है। गंगोत्री का गंगाजल करीब 700 सांसदों को भेंट किया जाएगा। इसकी शुरूआत उमा भारती ने पिछले दिनों राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को गंगाजल भेंट करके की। जल्द ही उपराष्ट्रपति को गंगाजल भेंट किया जाएगा। लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार व प्रधानमंत्री डा.मनमोहन सिंह ने भी अभियान को पूरा सहयोग करने का आश्वासन दिया है। बीते दिनों संसद में इस पर चर्चा भी हुई है। अभियान के तहत दो दिसंबर को देशव्यापी मानव श्रृंखला बनाई जाएगी। बीस नवंबर को अंतरराष्ट्रीय सेमिनार आयोजित किया जाएगा। शाहनवाज ने कहा, देश व समाज हित से जुड़े अभियान को राजनीतिक दलों का पूरा सहयोग मिलना जरूरी है। प्रवक्ता ने कहा कि गंगा मैली होने के लिए केंद्र व राज्य दोनों ही सरकारें जिम्मेदार हैं। प्रोन्नति कोटे में कांग्रेस कर रही ढोंग : शाहनवाज ने पदोन्नति में आरक्षण के मसले पर पूछे जाने पर कहा, कांग्रेस सामाजिक न्याय को लेकर ढोंग रच रही है। कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार को इस बिल को पेश करने में कांग्रेस ने जल्दबाजी दिखाई। इस पर पहले लंबी चर्चा होनी चाहिए थी।

गंगा में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर



ठ्ठजागरण संवाददाता, देहरादून उत्तराखंड में प्रति व्यक्ति के हिस्से रोजाना जितना पानी आता है, उससे चार गुना ज्यादा हर रोज पूरे देश के सीवर से गंगा व उसकी सहायक नदियों में छोड़ा जा रहा है। हैरत की बात है कि अधिकतर स्थानों पर नदी के पानी में बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) का स्तर खतरे का निशान पार कर गया है। वहीं, डिजॉल्व ऑक्सीजन (घुलित ऑक्सीजन) का स्तर घट रहा है। सीवर के कुल पानी का महज आधा फीसद ही उत्तराखंड से नदी में प्रवाहित हो रहा है। नेशनल गंगा रिवर बेसिन अथॉरिटी (एनजीआरबीए) के गंगा में प्रदूषण बेस लाइन के अध्ययन में इसका खुलासा हुआ है। एनजीआरबीए गंगा स्वच्छता से पहले उसमें हो रहे विभिन्न तरह के प्रदूषण का बेस लाइन डाटा जुटा रही है। इसमें सीवर से लेकर ठोस और औद्योगिक कचरा समेत प्रदूषण के आठ प्रकार शामिल हैं। इन सबमें सीवर की स्थिति चौंकाने वाली है। एनजीआरबीए के मुताबिक गंगा व उसकी सहायक नदियों में रोजाना चार अरब लीटर सीवर का गंदा पानी प्रवाहित हो रहा है। उत्तराखंड में इस प्रवाह का स्तर चार लाख लीटर प्रतिदिन है, जो गंगा में जा रहे कुल गंदे पानी का आधा फीसद है। यानी गंगा उत्तराखंड तक तो महफूज है, लेकिन बाहर निकलते ही उसकी दशा खराब होती जा रही है। एनजीआरबीए के परियोजना निदेशक ए अग्रवाल ने बताया कि जल्द गंगा में अन्य तरह के प्रदूषण के बेस लाइन डाटा जुटाने के साथ ही राष्ट्रीय नदी को प्रदूषण मुक्त किया जाएगा। इसके लिए उत्तराखंड में 1600 करोड़ रुपये की परियोजना के तहत सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, रिवर फ्रंट डेवलपमेंट, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट आदि के कार्य भी शुरू किए गए हैं।