Friday, November 25, 2011

जैतापुर परमाणु परियोजना को समिति की हरी झंडी


सुरक्षा को लेकर विरोध के केंद्र में रहे जैतापुर परमाणु संयंत्र परियोजना को सुरक्षा मामलों की समिति ने हरी झंडी दे दी है। इस पर जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री वी नारायणसामी ने बताया इस परियोजना का स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं। उन्होंने राज्य सभा में गुरुवार को डी राजा द्वारा उठाए गए सवाल के लिखित जवाब में कहा कि परमाणु ऊर्जा आयोग (एईसी) ने ईपीआर की प्रौद्योगिकी और सुरक्षा संबंधी पहलुओं का मूल्यांकन करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति नियुक्त की थी। इस समिति ने इसके लिए फिनलैंड तथा फ्रांस में निर्माणाधीन संयंत्रों का दौरा किया। मंत्री ने कहा कि समिति ने फिनलैंड तथा फ्रांस में नियामक प्राधिकारियों के साथ भी विचार विमर्श किया। समिति की रिपोर्ट ने ईपीआर की सुरक्षा तथा दक्षता से संबंधित सभी शंकाओं का निवारण कर दिया है। नारायणसामी ने कहा कि जैतापुर में जिन ईपीआर को स्थापित किए जाने की योजना है उनमें एन-4 और कानवाई रिएक्टरों की तकनीक को लागू किया गया है। वर्तमान में ईपीआर फिनलैंड, फ्रांस तथा चीन में निर्माणाधीन है। उन्होंने बताया कि यह रिएक्टर दो से चार वर्षो में शुरू हो जाएगा। नारायण सामी ने कहा कि इन देशों में चल रहे रिएक्टरों से प्राप्त अनुभव भी जैतापुर परमाणु विद्युत परियोजना के कमीशन से पहले उपलब्ध होगा। इसके लिए न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड और अरेवा के बीच शुल्क व्यवस्था को लेकर बातचीत चल रही है। परमाणु संयंत्रों को लेकर दूर हो रहा लोगों का डर परमाणु संयंत्र के खिलाफ लोगों के गुस्से को कम करने के प्रयास में सरकार को कुछ सफलता मिली है। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री नारायणसामी ने बताया कि तमिलनाडु के कुडनकुलम और महाराष्ट्र में जैतापुर परमाणु ऊर्जा संयंत्र परियोजना को लेकर स्थानीय लोगों में फैले डर को दूर करने के लिए सरकार ने जो जनजागरूकता कार्यक्रम और लोगों तक पहुंच बनाने की कोशिश की थी, उसके बेहतर परिणाम दिखने लगे हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री वी नारायणसामी ने आज राज्यसभा में मोहन सिंह के प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि रूस के सहयोग से स्थापित किए जा रहे कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र की सुरक्षा के बारे में उत्पन्न डर और आजीविका खोने की स्थानीय लोगों की आशंका को दूर करने के लिए जागरूकता अभियान के अलावा लोगों तक पहुंच बनाने के प्रयास किए गए हैं। राज्य मंत्री ने बताया कि महाराष्ट्र के जैतापुर में पुनर्वास संबंधी मुद्दे को महाराष्ट्र सरकार के साथ परामर्श कर हल किया जा रहा है। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि लोगों में फैली असुरक्षा की भावना को दूर करने के लिए विशेषज्ञों की एक 15 सदस्यीय समिति भी बनाई गई है। उन्होंने सदन को लिखित उत्तर के माध्यम से बताया कि यह समिति लोगों की शंकाओं को दूर करने के लिए आठ नवंबर और 18 नवंबर को दो बैठकें भी आयोजित की हैं। नारायणसामी ने बताया कि सरकार को इन प्रयासों के अच्छे परिणाम मिलने शुरू हो गए हैं। उन्होंने तरुण विजय के एक अन्य प्रश्न के लिखित उत्तर में सदन को बताया कि सितंबर, 2011 तक कुडनकुलम परियोजना पर हुआ कुल व्यय 14,122 करोड़ रुपये और जैतापुर परमाणु विद्युत परियोजना पर हुआ खर्च 46 करोड़ रुपये है।

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