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Friday, January 28, 2011

बाघों को पांच माह बाद मिलेंगे सुरक्षाकर्मी


उत्तराखंड के वनक्षेत्र में रहने वाले बाघों की सुरक्षा के लिए सरकार ने एक माह पूर्व स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स (एसटीपीएफ) के गठन की घोषणा की थी, लेकिन इसे आकार लेने में पांच माह और लगेंगे। जून तक जंगल में फोर्स का राज हो गया तो भी तीन साल देर हो चुकी होगी। भगवान करे कि तब तक जंगल का राजा सुरक्षित रहे। 21 दिसंबर को राज्य कैबिनेट ने एसटीपीएफ के गठन पर मुहर लगाई थी। इसे पुलिस के समान अधिकार दिए गये हैं। इसमें तीन प्लाटून की एक कंपनी का गठन किया जाना है। एक प्लाटून में आधुनिक हथियारों से लैस एक रेंजर, 6 फॉरेस्टर और 30 विशेष गार्ड रहेंगे। यानी कुल 3 रेंजर, 18 फॉरेस्टर और स्पेशल गार्डो पर बाघों की सुरक्षा का जिम्मा होगा। केंद्र के निर्देश पर एसटीपीएफ का गठन ढाई साल पहले हो जाना चाहिए था। फैसले के एक माह बाद एसटीपीएफ के गठन की प्रक्रिया फाइलों में है। यह तब है कि जब देश के 14 फीसदी बाघ उत्तराखंड के जंगल में हैं। देश में लगभग 1400 बाघ बचे हैं और उत्तराखंड में इनकी संख्या 193 के आसपास है। इनमें 29 टाइगर अनारक्षित वन क्षेत्र में और 164 जिम कार्बेट नेशनल पार्क में हैं। दोनों ही इलाकों में बाघों पर लगातार खतरा मंडरा रहा है। कार्बेट नेशनल पार्क तो प्रतिमाह अपने चौथे बाघ को खो रहा है। एसटीपीएफ के गठन की घोषणा से बाघ सुरक्षा की बड़ी उम्मीदें हैं। हालांकि पांच माह का समय कोई अधिक नहीं है, लेकिन बीते ढाई साल पर पांच माह का इंतजार भारी माना जा सकता है। देश में 38 वर्षो से प्रोजेक्ट टाइगर चल रहा है लेकिन बाघों की संख्या 1972 से भी कम हो गई है। तब देश में 1827 बाघ थे जो 1989 में बढ़कर 4344 हो गये थे। इसके बाद दस साल में 2200 बाघ मारे गये। उत्तराखंड के बाघ शिकारियों के सॉफ्ट टार्गेट हैं क्योंकि राज्य की सीमा नेपाल से लगी है, जहां से चीन के बाजारों में बाघ के अंगों की तस्करी होती है। देश भर के जंगलों से एक साल में 60 बाघों का शिकार करके उनके अंगों की आपूर्ति की जाती है। इन सब तथ्यों के बावजूद बाघ संरक्षण की कवायद कछुआ चाल से चल रही है। उत्तराखंड में एसटीपीएफ कब तक गठित हो जाएगी, इस सवाल पर राज्य के वन एवं पर्यावरण सचिव एमएच खान कहते हैं कि जून तक भर्ती प्रक्रिया पूर्ण कर एसटीपीएफ को जिम्मेदारी दे दी जाएगी। वे कहते हैं, हमने एसटीपीएफ की ट्रेनिंग का शेड्यूल केंद्र सरकार को भेज रखा है, वहां से जवाब आते ही भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी। इसमें एक माह का समय लग सकता है।