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Monday, April 11, 2011

जापान में रेडिएशन प्रभावित पानी को हटाने में देरी


जापान में 11 मार्च के विनाशकारी भूकंप और प्रलयंकारी सुनामी में क्षतिग्रस्त फुकुशिमा संयंत्र के परिसर में मौजूद रेडियोधर्मिता वाले पानी को वहां से हटाने का सुचारू ढंग से नहीं हो रहा है, क्योंकि उसकी तैयारी में काफी समय लग रहा है। इस आपदा में मरने वालों या लापता लोगों की तादाद करीब 28,000 हो गई है। जापानी समाचार एजेंसी एजेंसी एनएचके के अनुसार टर्बाइन इमारतों और कंकरीट की सुरंगों में मौजूद उच्च रेडियोधर्मिता वाले जल की मौजूदगी रिएक्टरों के कूलिंग सिस्टम शुरू करने के काम में रुकावट डाल रहे हैं। वहां ऐसे पानी की मात्रा करीब 50,000 लीटर है। संयंत्र की संचालक कम्पनी टोक्यो इलेक्टि्रक पॉवर कंपनी (टेप्को) इस जल को परिशोधन सुविधा और टर्बाइन कंडेसर में भरना चाहती है। इसके लिए वह टर्बाइन इमारतों और सुविधा के बीच पाइप बिछाने में जुटी है। इमारतों की दीवारों पर सुराख किए जा चुके हैं लेकिन अब तक पाइप नहीं बिछाए जा सके हैं। इतना ही नहीं इस प्रक्रिया को शुरू करने से पहले इस निपटान सुविधा की सही ढंग से पड़ताल किया जाना जरूरी है। दूसरी ओर जापान की राष्ट्रीय पुलिस एजेंसी ने रविवार सुबह घोषणा की कि इस आपदा में अब तक 12,985 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 14,809 अब तक लापता हैं। मृतकों के इस आंकड़े में गत गुरुवार के भूकंप की चपेट में आकर मरे लोगों को भी शामिल किया गया है। सबसे ज्यादा 7929 लोग मियागी में मारे गए, जबकि आइवेट में 3783 और फुकुशिमा में 1211 लोगों की मौत हो चुकी है। कुछ इलाके इतने ज्यादा तबाह हुए हैं कि वहां मरने वालों की संख्या का अंदाज नहीं लगाया जा सका है। मरने वालों और लापता लोगों की संख्या में और ज्यादा होने की आशंका है। जापान के स्व-रक्षाबल और अमेरिकी सेना लापता लोगों की तलाश जारी रखे हुए है। जापान सरकार रेडियोधर्मी विकिरण के खतरों से बचाव को लेकर आने वाले दिनों में स्कूली बच्चों के लिए दिशा-निर्देश जारी करेगी। फुकुशिमा प्रशासन के अनुरोध पर जापान के शिक्षा मंत्रालय ऐसे दिशा-निर्देश तैयार करने में जुटा है। समाचार एजेंसी एनएचके के अनुसार अधिकारियों ने बताया कि दिशा-निर्देश विभिन्न स्कूलों और स्कूल परिसर की मिट्टी में विकिरण के स्तर को लेकर हुए सर्वेक्षण पर आधारित हैं। इसके मुताबिक निर्धारित स्तर से अधिक विकिरण पाए जाने पर स्कूलों को कक्षाएं तथा बाहर ट्यूशन बंद करने होंगे और छात्रों को मुंह पर मास्क पहनना भी सुनश्चित करना होगा। शिक्षा मंत्रालय के अनुसार दिशा-निर्देश को अंतिम रूप देने से पहले परमाणु सुरक्षा आयोग से तकनीकी सलाह ली जाएगी। आयोग ने शनिवार को संवाददाताओं से बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में स्कूलों से कक्षाएं शुरू करने से पहले कुछ शर्तो का पालन करने के लिए कहा जाएगा। फुकुशिमा परमाणु संयंत्र से टकराई थीं 48 फीट ऊंची लहरें जापान में 11 मार्च को आए विनाशकारी भूकंप और सुनामी में फुकुशिमा दाइची परमाणु संयंत्र से टकराने वाली लहर समुद्र के सामान्य स्तर से 48 फुट ऊंची थी। संयंत्र के एक कर्मचारी द्वारा लिए गए संक्षिप्त वीडियो में यह दृश्य दिखाया गया है। वीडियों में दिखाया गया है कि भूकंप के बाद आई सुनामी की विशाल लहर संयत्र से टकराती है और उसे ढक लेती है। लहर की ऊंचाई छह संयंत्रों की इमारत से ज्यादा है। परमाणु संयंत्र की संचालक टोक्यो इलेक्टि्रक पॉवर ने कहा समुद्र के सामान्य स्तर से 14 से 15 मीटर ऊंची लहर संयंत्र की पांच मीटर की दीवार को आसानी से ढंक लेती है|