उत्तर प्रदेश सरकार प्लास्टिक पाउच में गुटखा, तंबाकू और पान मसाला की बिक्री को प्रतिबंधित करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को अमली जामा पहनाने में जुट गई है। इसी के तहत, शासन ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि पाबंदी के आदेश पूर्ण और प्रभावी अनुपालन के लिए सचल दस्ते का गठन करें। दस्ते में स्थानीय प्रशासन, नगर निगम, पुलिस और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रतिनिधि यथास्थिति शामिल होंगे। प्रमुख सचिव (पर्यावरण) आलोक रंजन की ओर से जारी आदेश में जिलाधिकारियों को यह भी निर्देश दिया गया है कि न सिर्फ वे सुप्रीम कोर्ट के आदेश का कड़ाई से अक्षरश: अनुपालन सुनिश्चित करायें बल्कि इस संबंध में की गई कार्रवाई से उन्हें हर महीने की दस तारीख तक अवगत भी करायें। शासनादेश में भारत सरकार द्वारा चार फरवरी 2011 को अधिसूचित प्लास्टिक वेस्ट (मैनेजमेंट एवं हथालन) रूल्स, 2011 का भी उल्लेख किया गया है। इस नियमावली के नियम 5(घ) में भी यह प्रावधान किया गया है कि गुटखा, तंबाकू और पान मसाला के भंडारण, पैकिंग या बिक्री के लिए प्लास्टिक सामग्री युक्त सैशे का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने गुटखा, तंबाकू और पान मसाला के पाउच में प्लास्टिक का इस्तेमाल भले ही 1 मार्च से प्रतिबंधित करने का आदेश दिया था,लेकिन सूबे में अदालत के आदेश पर अब तक अमल इसलिए नहीं हो पा रहा था, क्योंकि इस बारे में शासनादेश जारी नहीं हुआ था। शासनादेश की प्रतिलिपि प्रमुख सचिवों/सचिवों, मंडलायुक्तों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों/अधीक्षकों, निदेशक पर्यावरण, निदेशक स्थानीय निकाय, सदस्य सचिव उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, सभी नगर आयुक्तों और नगर पालिकाओं के अधिशासी अधिकारियों को भी भेजी गई है। उल्लेखनीय है कि सुप्रीमकोर्ट ने विशेष अनुज्ञा याचिका अंकुर गुटखा बनाम इंडिया अस्थमा सोसाइटी एवं अन्य की सुनवाई करते हुए 7 दिसंबर 2010 को अंतरिम आदेश दिया था। अंतरिम आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने 1 मार्च 2011 से देश में पान मसाला व गुटखे के पाउच में प्लास्टिक के इस्तेमाल को प्रतिबंधित करने का निर्देश दिया था। इस याचिका पर नौ फरवरी को फिर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने याचियों के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया था और अपने पूर्व के आदेश को बरकरार रखा था।
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