Monday, March 28, 2011

जापान में विकिरण


 फुकुशिमा परमाणु संयंत्र के रिएक्टर नंबर-2 से रेडियोधर्मी विकिरण सामान्य से एक करोड़ गुना अधिक हो रहा है। इसके चलते संयंत्र से कर्मियों को बाहर निकाला जा रहा है। सरकार ने परमाणु संकट पर गहरी चिंता जताते हुए यह माना कि समस्या जूझना बेहद कठिन होता जा रहा है। संयंत्र का संचालन करने वाली टोक्यो इलेक्टि्रक पॉवर कंपनी (टेप्को)ने कहा कि दूसरे संयंत्र के परिसर में रेडियोधर्मी सामग्री में विकिरण का अत्यधिक स्तर पाया गया जो पानी में आमतौर पर होने वाले विकिरण स्तर से एक करोड़ गुना अधिक है। जापान में परमाणु संकट दो सप्ताह पहले पूर्वोत्तर जापान में नौ रिक्टर पैमाने पर आए विनाशकारी भूकंप और सुनामी आने के बाद उपजा। जापान की समाचार एजेंसी एनएचके की खबर के अनुसार रिएक्टर नंबर-2 से जुड़ी टर्बाइन इमारत के तलघर में पानी में विकिरण का स्तर प्रति घन सेंटीमीटर 2.9 अरब बीक्वेरेल (यूरेनियम से निकलने वाली विकिरणों का मापने का पैमाना) है। रिएक्टर नंबर-1 और 3 की टर्बाइन इमारतों के तलघर में लीक हुए पानी के पहले से पाए गए दूषित स्तर के मुकाबले यह विकिरण स्तर करीब एक हजार गुना ज्यादा है। टेप्को ने कहा कि संयंत्र क्रमांक-2 के पानी में पाई गई रेडियोधर्मी सामग्री में 2.9 अरब बीक्वेरेल आयोडिन-134, 1.3 करोड़ बीक्वेरेल आयोडिन-131 और 23-23 लाख बीक्वेरेल सीजियम-134 और सीजियम-137 है। ये पदार्थ परमाणु विखंडन के दौरान निकलते हैं। परमाणु संयंत्र को ठंडा करने का प्रयास कर रहे आपातकर्मियों को विकिरण के उच्चस्तर का पता लगने के बाद अस्थायी तौर पर वहां से हटा लिया गया है। संयंत्र क्रमांक-3 के तीन कर्मी 24 मार्च को टर्बाइन इमारत के रेडियोधर्मी सामग्री से दूषित हुए पानी के संपर्क में आ चुके हैं जिसमें विकिरण का स्तर सामान्य से दस हजार गुना अधिक था। जापान जहां परमाणु संयंत्र के हालात को स्थिर करने की कोशिश कर रहा है, वहीं देश के मुख्य कैबिनेट सचिव युकियो इडानो ने स्वीकार किया कि प्रगति धीमी है। उन्होंने एनएचके को बताया, हम आपको यह स्पष्ट बताना चाहेंगे कि हम कब इसे सुधार पाएंगे और स्थल पर मौजूद कर्मी कब ऐसा महसूस करेंगे यह बताना कठिन है। फुकुशिमा परमाणु संयंत्र से 30 किलोमीटर से अधिक दूरी तक भी विकिरण का स्तर आम जनता के लिए स्वीकार्य वार्षिक सामान्य सीमा से 40 फीसदी अधिक हो चला है। इससे पहले, जापान की परमाणु एजेंसी ने कहा था कि संयंत्र के निकट समुद्र में रेडियोधर्मी आयोडिन का स्तर सामान्य से।,850 गुना तक बढ़ चुका है। संयुक्त राष्ट्र की अंतरराष्ट्रीय परमाणु एजेंसी ने यह भी आगाह किया कि जापान में परमाणु संकट कुछ और महीने जारी रह सकता है|

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