जापान क्षतिग्रस्त फुकुशिमा परमाणु संयंत्र से समुद्र में अत्यधिक रेडियोधर्मी जल का रिसाव को रोकने में अन्तत: सफल हो गया है। चेनरेबिल के बाद से सबसे बड़े परमाणु हादसे को रोकने की दिशा में बड़ी सफलता मिली है।
टेपको ने बताया कि क्षतिग्रस्त संयंत्र के रिएक्टर में पिघला हुआ कांच और कठोर करने वाला पदार्थ के मिश्रण को रिएक्टर नं. दो में डाल कर उससे रिसाव रोकने में सफलता मिली है। फुकुशिमा परमाणु बिजली घर को चलाने वाली कंपनी टेपको को लगातार नई नई चुनौतियों का सामना करना पड़ा रहा है। अभी रेडियोधर्मी पानी के रिसाव को उन्होंने बंद किया ही कि रिएक्टर एक में हाइड्रोजन से धमाके का खतरा पैदा हो गया है। पूवरेत्तर जापान के फुकुशिमा में टोक्यो इलेक्ट्रिक पॉवर कंपनी (टेपको) ने कहा है कि उसे नंबर एक रिएक्टर में नाइट्रोजन पंप करनी पड़ेगी ताकि हाइड्रोजन के कारण होने वाला संभावित विस्फोट रोका जा सके। परमाणु ईंधन की छड़ें खुली होने के कारण हाइड्रोजन गैस रिएक्टर में जमा हो रही है। इसे अगर किसी तरह निष्Rिय नहीं किया गया तो धमाका हो सकता है। इसी कारण टेपको ने कहा कि वह छह हजार घन मीटर नाइट्रोजन गैस नंबर एक रिएक्टर के कंटेनमेंट वेसल में डालेगी। टेपको ने कहा है कि फिलहाल समंदर में पानी को उड़ेलने का काम जारी रहेगा क्योंकि संयंत्र में भारी मात्रा में पानी भरा हुआ है जिसकी वजह से मरम्मत के काम में दिक्कत पेश आ रही है। |
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