फुकुशिमा परमाणु संयंत्र से रेडियोधर्मी रिसाव की समस्या से जूझ रहे जापानी इंजीनियरों ने सोमवार को डाई (रंजक) का इस्तेमाल कर रिसाव के स्रोत का पता लगाने की कोशिश की। संयंत्र का संचालन करने वाली टोक्यो इलेक्टि्रक पॉवर कंपनी (टेपको) ने घोषणा की है कि संयंत्र से 11,500 टन दूषित पानी समुद्र में छोड़े जाने की योजना है। जापानी समाचार एजेंसी क्योदो के मुताबिक टेपको ने 13 किलोग्राम सफेद डाई एक भूमिगत गर्त में डाली है, ताकि प्रशांत महासागर में हो रहे रेडियोधर्मी रिसाव के स्रोत का पता लगाया जा सके। टेपको अधिकारियों का कहना है कि रेडियोधर्मी पानी संयंत्र के दूसरे रिएक्टर की टर्बाइन इमारत के बेसमेंट और इससे जुडे़ सुरंगनुमा गर्त में भर गया है। गर्त में डाई डालने का कदम दूसरे रिएक्टर के क्षतिग्रस्त हिस्से की मरम्मत करने में सफलता मिलने के बाद उठाया गया। सफेद डाई स्थानीय समयानुसार सुबह 7.30 बजे गर्त में छोड़ी गई। टेपको उस प्रभावित इलाके के आस-पास बाड़ लगाने पर विचार कर रही है, जहां से रेडियोधर्मी रिसाव की संभावना जताई जा रही है। सरकारी प्रवक्ता यूकियो इदेनो ने भी इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि यही एकमात्र विकल्प है। भूकंप और सुनामी से क्षतिग्रस्त परमाणु संयंत्र को विशेषज्ञ पिछले तीन हफ्ते से नियंत्रित करने का प्रयास कर रहे हैं। इंडोनेशिया में भूकंप और सुनामी की चेतावनी : इंडोनेशिया के जावा द्वीप के दक्षिणी हिस्से में सोमवार तड़के भूकम्प आने के बाद जारी की गई सुनामी की चेतावनी वापस ले ली गई है। रिक्टर पैमाने पर 7.1 की तीव्रता वाले भूकम्प के बाद यह चेतावनी जारी की गई थी। वेबसाइट बीबीसी डॉट को डॉट यूके के अनुसार इंडोनेशिया की मौसम विज्ञान एवं भूभौतिकी एजेंसी (बीएमकेजी) ने सुनामी की चेतावनी को वापस ले लिया है। भूकंप का मुख्य केंद्र सिलाकैप से लगभग 300 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में 10 किलोमीटर की गहराई पर केंद्रित था। इंडोनेशियाई रेडियो के मुताबिक भूकंप के बाद हजारों लोग अपने घरों से बाहर निकल आए और उंचे स्थानों पर शरण लेने के प्रयास में इधर-उधर भागने लगे|
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