Tuesday, February 15, 2011

खोखले होते जा रहे उत्तर प्रदेश के वन


गोरखपुर बाहर से हरा-भरा दिखने वाला जंगल अंदर से खोखला हो रहा है। वहां धड़ल्ले से आरे और कुल्हाड़े चल रहे हैं। हरे वृक्ष काटे जा रहे हैं और वन क्षेत्र घटता जा रहा है। हालत यह है कि जंगल के अंदर लंबे-चौड़े मैदान बन गए हैं। अवैध कटान के चलते पूवरंचल में कुल क्षेत्रफल का 33 फीसदी वन क्षेत्र सिमट कर सिर्फ सवा नौ फीसदी ही रह गया है। वन विभाग का मुख्य कार्य वनों का संरक्षण और संवर्धन है। यानी अवैध कटान पर रोक और हर वर्ष नये पौधे लगवाना है। सरकार पौध रोपण के लिए हर वर्ष मोटी रकम खर्च करती है, लेकिन लगने से अधिक पेड़ कट जाते हैं। इससे वन क्षेत्र लगातार सिकुड़ते जा रहे हैं। वन माफिया और लकड़ी चोर दिन दहाड़े पेड़ काट रहे हैं। जागरण टीम ने कुसम्हीं जंगल का दौरा किया तो पाया कि वहां धड़ाधड़ पेड़ काटे और गिराये जा रहे थे। एक जगह तो टीम को देखते ही काटने वाले आरा आदि छोड़ कर भाग खड़े हुए। सैकड़ों वृक्ष कटने से जंगल के अंदर मैदान बना मिला और वहां पड़ोसी गांवों के लड़के क्ति्रकेट खेल रहे थे। गोरखपुर के चार रेंजों- तिनकोनिया, बांकी, फरेंदा व कैम्पियरगंज में ही जंगल है। तिनकोनिया रेंज में पांच बीट, बांकी में छह, कैम्पियरगंज में सात और फरेंदा में छह बीट हैं। इन बीटों में आठ हेक्टेयर के क्षेत्र पर एक वाचर तैनात होता है। इसके ऊपर वन रक्षक, दारोगा, रेंजर आदि अधिकारी होते हैं। अधिकारियों व कर्मचारियों की बड़ी फौज के बाद भी जंगल साफ हो रहे हैं। जंगल के इतर इलाकों में भी पीपल, बरगद, पाकड़, नीम, आम, शीशम, सागौन, बेल, जामुन, महुआ आदि हरे वृक्ष भी काटे जा रहे हैं। वन क्षेत्र का तेजी से घटना पर्यावरण संरक्षण लिहाज से खतरे की घंटी है। पूर्वी यूपी में मौजूदा वन क्षेत्र व आवश्यक वनावरण के बीच पौने 24 फीसदी का अंतराल हो चुका है। पर्यावरणविदों का कहना है कि कुल एरिया का 33 फीसदी वन क्षेत्र होना ही चाहिए। इस वर्ष 600 हेक्टेयर में हुआ पौधरोपण : इस वर्ष छह सौ हेक्टेयर क्षेत्र में पौधरोपण का लक्ष्य मिला था जो पूरा हो चुका है। डीएफओ ए.पी. त्रिपाठी ने बताया कि वनावरण व वर्तमान स्थिति में गैप बड़ा है। इसे पूरा करना तो कठिन है पर अधिक से अधिक पौधरोपण कर इसे कम करने का प्रयास जारी है। उन्होंने बताया कि कटान रोकने के लिये नियमित वाचर व बन रक्षक लगे हैं। इनके अलावा अलग से टीम गठित की है जो अचानक जंगल में छापा मारती है और वृक्ष काटने वालों को पकड़ती है।

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