राज्य में शीतकालीन बारिश न होने के कारण पहाड़ों पर स्थित वनों में आग लगना शुरू हो गई है, जबकि फायर सीजन शुरू होने में अभी वक्त है। शनिवार को पिथौरागढ़ जिले की मुनस्यारी तहसील के जंगलों में तीन स्थानों पर आग लगी। सूचना दिये जाने के बाद भी वन विभाग ने आग बुझाने के लिए कोई पहल नहीं की है। मुनस्यारी तहसील के मदकोट, चौना और ढूंगापानी के जंगलों में शनिवार को आग लग गई। जंगलों में आग लगने की सूचना क्षेत्रवासियों ने वन विभाग के अधिकारियों को दी, लेकिन आग बुझाने के लिए अभी तक कोई पहल नहीं हुई है। फरवरी माह में ही जंगलों के धधकने से क्षेत्र के लोग परेशान हैं। इस वर्ष पहाड़ों में शीतकालीन वर्षा बहुत कम हुई है, जिससे वातावरण में नमी की कमी हो गई है। फरवरी माह में ही जंगलों के जलने का क्रम शुरू होने से गर्मी के सीजन में वनाग्नि को लेकर लोग आशंकित हैं। वन विभाग 15 फरवरी से फायर सीजन की शुरुआत मानता है। जून 15 तक का समय जंगलों की आग की दृष्टि से बेहद संवेदनेशील रहता है। आग पर काबू पाने के लिए वन विभाग हर वर्ष योजना तैयार करता है, अभी वन विभाग वनाग्नि पर नियंत्रण के लिए कागजी कार्रवाई शुरू ही कर रहा है, इधर जंगलों में आग लगने का सिलसिला शुरू हो जाने से वन विभाग की खासा चिंतित हैं। उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में स्थित जंगल में आग लगने की घटनायें कोई नई बात नहीं है। यह अलग बात है कि ज्यादातर घटनायें गर्मियों के मौसम में होती है। हालांकि दावानल की घटनाओं को रोकने के लिए राज्य सरकार और वन विभाग के अधिकारी लंबी-लंबी बैठकें करते हैं और रणनीति तय करते हैं लेकिन ऐसी घटनाओं पर प्रभावी अंकुश नहीं लग पा रहा है।
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