Thursday, February 3, 2011

नाकाम मजनुंओं से डरते हैं देवदार के पेड़


हिमाचल प्रदेश में सीना ताने खड़े देवदार के वृक्षों को आशिकों व प्यार में धोखा खाए देवदासों को देख कर डर लगता है। पेड़ों को आशंका रहती है कि कहीं नाकाम मजनंुओं उनका सीना फिर से न छलनी कर दें। प्रसिद्ध पर्यटन नगरी मनाली में देवदार के पेड़ों को आशिकों ने प्रेम के इजहार का जरिया बना दिया है। चाकू से बेरहमी से गोद कर पेड़ों पर कहीं दिल बनाए गए हैं तो कहीं आई लव यू आदि वाक्य उकेरे गए हैं। मनाली से चार किलोमीटर दूर ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क के अधीन आते ढुंगरी पार्क में देवदार के पेड़ आशिकों की प्रेम कहानी के अलफाज सीने पर सह रहे हैं। प्रेमी जोड़े व विरह की पीड़ा सहने वाले बिना रोक-टोक अपने दिल का दर्द पेड़ों पर बयान कर रहे हैं और पूछने वाला कोई नहीं है। सीने पर जख्म सहने के कारण कई पेड़ छाल निकलने से सूख कर गिर गए हैं जबकि कई सूखने के कगार पर हैं। हालांकि पेड़ों की रखवाली के लिए एक वन रक्षक तैनात किया गया है मगर पेड़ों को नुकसान पहुंचाने वाला एक भी मजनूं आज तक पकड़ा नहीं गया है। पार्क में प्रवेश के लिए पांच रुपये शुल्क निर्धारित है। इससे होने वाली आमदनी पार्क के विकास पर खर्च करने का प्रावधान है मगर सैकड़ों पेड़ आशिकों की बलि चढ़ रहे हैं जिस ओर किसी का ध्यान नहीं है। प्रेमी जोड़े तर्क देते हैं कि पेड़ों पर प्यार का इजहार करने से प्यार परवान चढ़ता है मगर इससे पेड़ का जो दिल टूटता है और पर्यावरण को होने वाले नुकसान की भरपाई कौन करेगा, यह कोई नहीं जानता। इस बारे में बात करने पर राज्य के मशहूर पर्यावरणविद् किशन लाल का कहना है कि मनाली की शोभा देवदार के गगनचुंबी पेड़ों से ही है। इनकी सुरक्षा राम भरोसे रही तो भगवान मनु की नगरी में कंक्रीट का जंगल दिखेगा जिससे सिर्फ मनाली ही नहीं बव्कि समूचे राज्य का पर्यावरण खतरे में पड़ जाएगा। रखी जाएगी पैनी निगाह : रेंज आफिसर वन विभाग मनाली के रेंज आफिसर सचिन शर्मा का कहना है कि आशिकों की ऐसी हरकतों से वह भी दुखी हैं। पार्क में सैकड़ों पर्यटक आते हैं। ऐसे में विभाग का नुमांइदा हर किसी का पीछा नहीं कर सकता है। सुबह व शाम के समय कुछ मनचले युवक पेड़ों को चोट पहुंचाते हैं जिन पर पैनी निगाह रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि जो पेड़ सूख गए हैं, उनकी उम्र पूरी हो गई थी।



No comments:

Post a Comment