केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने यहां कहा कि मोक्षदायिनी गंगा की अविरल धारा को उसके मूल स्वरूप में वापस लाने की कवायद शुरू हो गई है। गंगा को प्रदूषण से मुक्त कराने की योजना पर बिहार में 3000 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिसमें अकेले पटना में ही 1500 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस योजना में सहयोग करने के लिए विश्र्व बैंक तैयार हो गया है। केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश बुधवार को पटना में प्लोटिंग रेस्तरां से गंगा परिभ्रमण के बाद संवाददाताओं से बात कर रहे थे। उन्होंने बताया कि गंगा को उसका वास्तविक स्वरूप देने का उद्देश्य रखती इस महायोजना में सहयोग के लिए विश्व बैंक तैयार हो गया है। पटना में खर्च होने वाले डेढ़ हजार करोड़ की राशि से सीवरेज का जाल बिछेगा, ट्रीटमेंट प्लांट लगेंगे। यह योजना हर हाल में गंगा नदी में गंदा पानी न गिरने की गारंटी करेगी। बिहार के पटना, बक्सर, हाजीपुर, बेगूसराय और मुंगेर सहित 19 शहर इस योजना में शामिल हैं। उन्होंने दावा किया कि अगले दस वर्ष में गंगा को प्रदूषण से मुक्त करा लिया जाएगा। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री ने कहा कि पटना में रिवर फ्रंट (नदी तट) के विकास के लिए केंद्र सरकार डेढ़ सौ करोड़ रुपये देने जा रही है। मुख्यमंत्री से पूर्व में भेजी गई योजना में संशोधन कर नया प्रस्ताव मांगा गया है। नई संशोधित योजना का प्रस्ताव आते ही इसे मंजूरी दे दी जाएगी। उन्होंने कहा कि पटना में 20 किलोमीटर रिवर फ्रंट है। प्रथम चरण में कलेक्ट्रेट घाट से पटना सिटी के बीच के साढ़े पांच किलोमीटर क्षेत्र को शामिल किया गया है। इसके तहत घाटों के निर्माण, लिंक पथ और विभिन्न जगहों पर पार्क तथा ऊपरी भाग में पेड़-पौधे लगाए जाएंगे। इस योजना के पूरा होने से गंगा के किनारों का कायाकल्प होगा।
No comments:
Post a Comment