मध्य एशिया और हिमालयी क्षेत्रों से आने वाले विदेशी पक्षी अब शाहजहांपुर के वन्यक्षेत्रों में जमकर मौज मस्ती करेंगे। मेहमान परिंदों को जल बिहार के लिए उपयुक्त वातावरण मिलेगा वहीं आराम के लिए मचान के इंतजाम भी किये जायेंगे। सैलानी भी अफगानिस्तान, तिब्बत, किरगिजस्तान, नेपाल, ईरान आदि देशों से आने वाले पक्षियों के कलरव का आनंद उठा सकेंगे। वन विभाग ने पक्षियों के प्रवास के लिए झील और झाबरों को प्राकृतिक वास स्थल के रूप में विकसित करने के लिए वेट लैंड पायलट प्रोजेक्ट तैयार किया है। चार करोड़ 47 लाख के इस प्रोजेक्ट के प्रभावी होने से जिले में राष्ट्रीय उद्यान की झलक दिखाई देने लगेगी। वेटलैंड प्रोजेक्ट में पांच झील और झाबरों को विदेशी और स्वदेशी पक्षियों के प्रवास के अनुकूल बनाने की योजना बनाई गई है। प्रोजेक्ट में भावलखेड़ा ब्लाक के फकरगंज झाबर, सिमरई झाबर, सिंधौली ब्लाक में टिकरी झाबर, पुवायां में सांभर झील और शारदा नगर के पास बढेला झाबर को विकास व सुंदरीकरण के लिए शामिल किया गया है। रिलायंस बिजली परियोजना की स्थापना के बाद नित नये आयाम स्थापित करने को अग्रसर शाहजहांपुर जिले में वन विभाग ने भी पर्यावरण सरंक्षण, जल संरक्षण समेत विविध सरोकारों के लिए महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट बनाकर नये साल पर उम्मीदों के पंख लगा दिये हैं। प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) पीपी सिंह के अनुसार वेट लैंड प्रोजेक्ट के प्रभावी होने से झाबर व झीलों से अतिक्त्रमण दूर होगा। पर्यावरण का संरक्षण होगा। जल संरक्षण के साथ वाटर लेबल मेंटेन रहेगा। पक्षियों का शिकार नियंत्रित होगा। क्या-क्या होगा द्य झील और झाबरों की सफाई कराने के साथ ही उन्हें गहरा किया जाएगा। चिडिय़ाघर और उद्यान का लुक देने को ट्रेकिंग पाथ वे बनेगा। द्य चारो ओर तारों की बाड़ लगाई जाएगी।
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